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महान कविताएँ अविराम यात्रा करती हैं..

महान कविताएँ अविराम यात्रा करती हैं..


महान कविताएँ अविराम यात्रा करती हैं..

वृंदावन सभा भवन में डॉ. लक्ष्मीकांत पंडा की कविताओं के संग्रह ‘अल्पविराम’ के विमोचन हुआ, अभिनव नाट्य संस्था  के द्वारा आयोजिक किए गए इस कार्यक्रम में प्रसिद्ध व्यंग्यकार एवं साहित्यकार गिरीश पंकज उपस्थित थे , इस साहित्यिक संध्या के विषयमें वे कहते हैं छत्तीसगढ़ में कविताएं तो खूब लिखी जा रही हैं, लेकिन सार्थक कवियों की संख्या बहुत कम है. ऐसे में डॉक्टर पंडा जैसे युवा कवियों की कविताओं से गुजरना मुझे अच्छा लगा. लोगों के संग्रह तो बहुत आ रहे हैं लेकिन कविता की गहरी समझ का अभाव पीड़ा देता है।
महान कविताएँ अविराम यात्रा करती हैं..

डॉक्टर पंडा की कविताएं मनुष्यताके नवजागरण की कविताएं हैं. वे यह भी कहते हैं  कि कोई भी बड़ी कविता अल्पविराम नहीं होती. वहसदियों तक अविराम यात्रा करती है. वाल्मीकि, तुलसी, कबीर आदि की रचनाएं निरंतर यात्रा कर रही हैं.कार्यक्रम में डॉक्टर पंडा के पिताश्री उपस्थित थे. उन्होंने अपने पुत्र के व्यवहार की, उसके व्यक्तित्व की भूरि- भूरि प्रशंसा की, उनकी यह बात मुझे बहुत अच्छीलगी कि कोई पुत्र है इसलिए पिता का उत्तराधिकारी नहीं हो सकता, वह उत्तराधिकारी हैइसलिए पुत्र है ।

अभिनव नाट्य संस्था द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम के अंत मेंप्रख्यात रंग साधक कैलाश शादाब के निर्देशन में प्रस्तुत उनका लिखा नाटक 'द प्रस्ताव' भी प्रस्तुत किया गया जिसे लोगों को खूबपसंद किया ।
कार्यक्रम का कुशल संचालन छत्तीसगढ़ी लोककला संस्कृति को समर्पित प्रतिभाशाली कवि चंपेश्वर ने किया ।
महान कविताएँ अविराम यात्रा करती हैं..





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